अरुणाचल हादसे में असम के 14 लोगों की मौत, राहत-बचाव अभियान तेज
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अरुणाचल प्रदेश में हुए भीषण हादसे में असम के 14 लोगों की मौत। राहत-बचाव टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटीं। सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दे रही है।
असम सरकार लगातार अरुणाचल अधिकारियों के संपर्क में, घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने और पीड़ित परिवारों को सहायता देने के प्रयास जारी। कठिन पहाड़ी रास्तों में हादसा होने से सुरक्षा पर उठे सवाल, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए और मार्ग सुधार पर जोर की मांग।
असम/ 11 दिसंबर, असम में शोक की लहर फैल गई है, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश में हुए एक भीषण सड़क हादसे में असम के 14 लोगों की जान चली गई। यह हादसा अचानक तब हुआ जब एक वाहक वाहन गहरी खाई में गिर गया, जिससे मौके पर ही भारी जनहानि हो गई। असम के मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि राज्य प्रशासन अरुणाचल प्रदेश के अधिकारियों के निरंतर संपर्क में है और सभी आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में बताया कि राहत और बचाव टीमें तेजी से तलाशी अभियान चला रही हैं और प्राथमिकता लापता या अज्ञात लोगों का पता लगाने पर है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि घायल लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि किसी और जान को खतरा न हो।
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस, NDRF और SDRF की टीमों ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला। घटनास्थल दुर्गम इलाके में होने के कारण राहत कार्यों में चुनौतियाँ आईं, लेकिन बचावकर्ता लगातार मौके पर डटे हुए हैं। प्रशासन ने परिवारों को भरोसा दिलाया है कि पीड़ितों के शव सुरक्षित असम लाए जाएंगे और सभी औपचारिकताएँ तेजी से पूरी की जाएंगी।
पीड़ितों के परिवारों और असम के लोगों में गहरा दुख व्याप्त है। मुख्यमंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन समय में सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया और अपने राज्य के स्तर पर सभी तरह के सहयोग देने का आश्वासन दिया।
सोशल मीडिया पर भी संवेदनाओं की बाढ़ आ गई है, जहां लोगों ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। प्रशासन ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हादसा किन परिस्थितियों में हुआ।
इस भीषण घटना ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में सुरक्षा मानकों और पहाड़ी मार्गों की स्थितियों पर भी सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय स्तर पर ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग तेज हो गई है।